विश्वविद्यालय परीक्षा फॉर्म के लिए प्रमाण – पत्र

  1. हाईस्कूल अंक – पत्र एवं प्रमाण – पत्र ।
  2. इंटरमिडिएट अंक पत्र एवं प्रमाण – पत्र
    निर्धारित अंतिम तिथि के पश्चात अथवा अपूर्ण आवेदन – पत्र पर विचार नहीं किया जाएगा । बिना अपेक्षित अंक – पत्र के आवेदन -पत्र स्वीकार नहीं किए जाएंगे ।

नामांकन

महाविद्यालय में पहली बार प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में अपना नामांकन करना
होगा। इस हेतु उन्हे महाविद्यालय से निर्धारित प्रपत्र प्राप्त करके निर्देशित तिथि के भीतर जमा कर देना चाहिए ।

उपस्थिति

विश्वविद्यालय के नियमानुसार प्रत्येक विद्यार्थी की 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य है ।कम उपस्थिति वाले विद्यार्थियों को परीक्षा से वंचित होना पड़ सकता है

विशेष

प्रवेश के पूर्व सभी चयनित अभ्यर्थियों को अपना मूल प्रमाण-पत्र जाँच हेतु प्रस्तुत करना होगा । फर्जी प्रमाण-पत्र जमा करने की दशा में दोषी अभ्यर्थी कै विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी |

आलोन

  1. प्रवेश फार्म भरना प्रवेश की गारन्टी नहीं है । असत्य सूचना देकर प्रवेश लेने वाले अभ्यर्थियों का प्रवेश संज्ञान में आते ही निरस्त कर दिया जाएगा ।
  2. बिना कारण बताए महाविद्यालय प्रशासन किसी भी अभ्यर्थी का प्रवेश लेने से इंकार कर सकता है।
  3. राज्य स्तरीय प्रमाण पत्र धारक खिलाड़ियों का प्रवेश नि:शुल्क होगा।
  4. योग्यता प्रदायी परीक्षा में दो वर्ष से अधिक अंतराल होने पर अभ्यर्थी प्रवेश के लिए अर्ह नही होगा।
  5. प्रवेश में शासन द्वारा निर्धारित आरक्षण के नियमों का पालन किया जाएगा |
  6. अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों का प्रवेश शासन द्वारा निर्धारित मनको के अनुरूप
    किया जाएगा ।
  7. बीए. भाग एक में अनुत्तीर्ण छात्र / छात्राओं के पुन: प्रवेश का कोई प्रावधान नहीं है। एसे अभ्यर्थी भूतपूर्व छात्र के रूप में परीक्षा दे सकते है।
  8. किसी अन्य डिग्री कालेज से बीए* भाग एक अथवा बीए* भाग दो उत्तीर्ण छात्र/छात्राओं का अगली कक्षा में प्रवेश नही लिया जाएगा।
  9. चयनित किए गए विषयों में परिवर्तन किसी भी दशा में संभव नही है।

विशेष आलोन

  1. गुणवत्ता परक शिक्षा हेतु सर्वोत्तम संस्थान ।
  2. समृद्ध पुस्तकालय एवं वाचनालय की सुविधा ।
  3. खेल – कूद की समुचित व्यवस्था ।
  4. पुरस्कार एवं दक्षता प्रमाण पत्र प्रदान किए जाने को व्यवस्था ।
  5. शासन एवं महाविद्यालय के माध्यम से कई प्रकार की छत्रवृत्तीया प्रदत्त ।